फ्लैशबैक 2019 / दुनिया के पहले स्तनधारी चूहे और सुमात्रा गैंडे की अंतिम प्रजाति ने साथ छोड़ा; विलुप्त गुआम रेल चिड़िया की वापसी हुई

साइंस डेस्क. जलवायु परिवर्तन जीवों की कुछ दुर्लभ प्रजाति के लिए काल साबित हुआ। 2019 में लाल पूंछ वाले चूहे और सुमात्रा गैंडे इसका शिकार बने। जॉर्ज के नाम से मशहूर ट्री घोंघे की आखिरी प्रजाति ने भी साथ छोड़ा। लेकिन कुछ जीवों ने वापसी भी की। दक्षिण अमेरिका के जीव संरक्षणकर्ताओं ने विलुप्त माने जाने वाले 100 साल पुराने विशालकाय मादा कछुए को ढूंढ निकाला। विलुप्त घोषित चुकी गुआम रेल चिड़िया की वापसी हुई जो द्वितीय विश्व युद्ध के बाद कभी सांपों का शिकार बनी थी। फ्लैशबैक 2019 में पढ़िए कुछ ऐसी घटनाओं के बारे में...


जनवरी : जॉर्ज के नाम मशहूर दुनिया के एकमात्र हवाइएन ट्री घोंघा ने साल से पहले दिन अलविदा कहा। उम्र 14 साल थी। इसका नाम पिंटा आइलैंड के आखिरी कछुआ जॉर्ज के नाम पर रखा गया था। दशकों तक वैज्ञानिकों ने मेटिंग कराने के लिए इस घोंघे की प्रजाति को ढूंढा लेकिन सफलता नहीं मिली। इसका वैज्ञानिक नाम Achatinella apexfulva था। यह खास किस्म का घोंघा था जो अमेरिका के हवाई राज्य में पेड़ों की पत्तियों पर पाया जाता था और फफूंद को भोजन बनाता था। इसकी दूसरी प्रजातियां आवाज निकालती थीं या नहीं अब तक स्पष्ट नहीं हो पाया है लेकिन इसे वॉयस ऑफ द फॉरेस्ट यानी जंगज की आवाज का तमगा जरूर मिला था। 


फरवरी : जलवायु परिवर्तन की मार दुनिया के पहले स्तनधारी चूहे पर भी पड़ी। लाल पूंछ वाला चूहा ब्रैमबल केई मेलोमाइस विलुप्त हो गया। 2016 के इसके विलुप्त होने की आशंका जाहिर की गई। 2018 में इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) ने इसे संकटग्रस्त प्रजातियों की रेड लिस्ट में शामिल किया। यह खासतौर पर ऑस्ट्रेलिया के आईलैंड पर पौधों के बीच पाया जाता था। 2004 से 2014 तक घटती पौधों की संख्या और समुद्री पानी का बढ़ता दायरा चूहे के लिए काल साबित हुआ।